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नई दिल्ली:प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक पाकिस्तानी नागरिक के स्वामित्व वाले एक सट्टेबाजी ऐप रैकेट का खुलासा किया है। मैजिकविन ऐप केस में पहली बार पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आया है। भारत से दुबई होते हुए पैसा पाकिस्तान भेजा गया। बड़े और छोटे पर्दे के कलाकारों ने सोशल मीडिया पर मैजिकविन का प्रचार किया था। ED ने मल्लिका शेरावत और पूजा बनर्जी से पूछताछ की है। इस सप्ताहांत दो और हस्तियों को ED ने तलब किया है। आने वाले हफ्ते में सात और हस्तियों को बुलाया जा सकता है।
यह एक बड़ा सवाल खड़ा करता है कि इतने बड़े पैमाने पर चल रहा यह रैकेट कैसे इतने समय तक पकड़ में नहीं आया। कई हस्तियों द्वारा इस ऐप का प्रचार आम लोगों को गुमराह कर सकता है। इसलिए, लोगों को ऐसे ऐप्स के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है। यह मामला ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी के नियमों पर भी सवाल उठाता है। कानूनी खामियों का फायदा उठाकर ऐसे रैकेट चलाए जाते हैं। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए और सख्त नियम बनाने की जरूरत है।
मैजिकविन ऐप क्या है?
जांचकर्ताओं ने पाया कि मैजिकविन एक सट्टेबाजी वेबसाइट है जिसे गेमिंग वेबसाइट के रूप में दिखाया गया है। इसे दुबई में रहने वाले भारतीय नागरिक चला रहे हैं। वेबसाइट पर उपलब्ध सट्टेबाजी के खेल फिलीपींस और अन्य देशों में चलाए जा रहे थे जहां सट्टेबाजी कानूनी है। सूत्रों ने बताया कि खेलों का API दूसरे स्रोतों से कॉपी किया गया और मैजिकविन पर फिर से प्रसारित किया गया। इस सट्टेबाजी ऐप के कई सोशल मीडिया अकाउंट हैं जिनका उपयोग यह भारत में खुद को बढ़ावा देने के लिए करता है।ईडी ने अब तक क्या कार्रवाई की?
ED ने पिछले छह महीनों में इस मामले में देश भर में 67 छापे मारे हैं। पिछले हफ्ते, ED ने दिल्ली, मुंबई और पुणे में मैजिकविन मामले से जुड़े लोगों के 21 ठिकानों पर छापा मारा और लगभग ₹3.55 करोड़ जब्त किए। यह कार्रवाई अहमदाबाद पुलिस द्वारा ऐप के खिलाफ FIR दर्ज करने के बाद हुई। जीतने वालों का पैसा उनके बैंक खातों में पेमेंट गेटवे और फर्जी कंपनियों के एग्रीगेटर्स के माध्यम से ट्रांसफर किया गया। इसके अलावा,घरेलू मनी ट्रांसफर (DMT) के माध्यम से भी खिलाड़ियों को पैसे भेजे गए। यह पैसा पाकिस्तान भेजा गया,जो इस मामले में एक नया मोड़ है।यह एक बड़ा सवाल खड़ा करता है कि इतने बड़े पैमाने पर चल रहा यह रैकेट कैसे इतने समय तक पकड़ में नहीं आया। कई हस्तियों द्वारा इस ऐप का प्रचार आम लोगों को गुमराह कर सकता है। इसलिए, लोगों को ऐसे ऐप्स के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है। यह मामला ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी के नियमों पर भी सवाल उठाता है। कानूनी खामियों का फायदा उठाकर ऐसे रैकेट चलाए जाते हैं। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए और सख्त नियम बनाने की जरूरत है।
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